जबलपुर, 22 अगस्त (शनिवार) : मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर को आज एक नई सौगात मिलने जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार, 23 अगस्त को प्रदेश का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक फ्लाईओवर जनता को समर्पित करेंगे। यह फ्लाईओवर न सिर्फ शहर की पहचान को नया स्वरूप देगा, बल्कि जबलपुर को महानगरीय ट्रैफिक मॉडल की ओर ले जाएगा।
1052 करोड़ की लागत से बनी अनोखी परियोजना
यह फ्लाईओवर 1052 करोड़ रुपये की लागत से बना है। इसकी कुल लंबाई 6.855 किलोमीटर है। यह मध्यप्रदेश का सबसे लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर है। इसकी डिजाइन और निर्माण में आधुनिक इंजीनियरिंग का उपयोग किया गया है। यहां कई अनोखी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे खास पहचान दिलाती है।
केबल स्टे ब्रिज और बो-स्ट्रिंग ब्रिज
इस परियोजना में बना केबल स्टे ब्रिज सबसे आकर्षक हिस्सा है। यह रेल मार्ग पर बना है और इसकी लंबाई 192 मीटर है। यह एक सिंगल स्पान केबल स्टे ब्रिज है जो तकनीकी दृष्टि से बेहद जटिल और अनोखा है।
इसके अलावा, इस कॉरिडोर में कुल तीन बो-स्ट्रिंग ब्रिज बनाए गए हैं। इनमें से दो पुल रानीताल क्षेत्र में और एक पुल बलदेवबाग क्षेत्र में है। ये सभी पुल पूरी तरह स्टील से बने हैं और प्रत्येक की लंबाई लगभग 70 मीटर है। यह संरचना न सिर्फ जबलपुर बल्कि पूरे देश में इंजीनियरिंग की नई मिसाल बनेगी।
ट्रैफिक के लिए क्रांतिकारी बदलाव
फ्लाईओवर के शुरू होने से ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक खत्म होगी। अब तक मदनमहल से दमोह नाका तक जाने में करीब 40 से 45 मिनट लगते थे। फ्लाईओवर बन जाने के बाद यह दूरी केवल 6 से 8 मिनट में पूरी होगी। इससे यात्रियों का समय बचेगा, ईंधन की खपत कम होगी और प्रदूषण का स्तर भी घटेगा।
व्यापार और जीवनशैली पर सकारात्मक असर
फ्लाईओवर का लाभ सिर्फ यात्रियों को नहीं, बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा। ट्रैफिक सुचारु होने से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी। लोग आसानी से शहर के विभिन्न हिस्सों में पहुंच पाएंगे। साथ ही, पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि जबलपुर आने वाले पर्यटक अब बेहतर यातायात सुविधा का अनुभव करेंगे।
आधुनिकता और परंपरा का संगम
जबलपुर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। इस फ्लाईओवर के उद्घाटन के बाद शहर की पहचान और भी मजबूत होगी। यह स्थान अब आधुनिकता और परंपरा का संगम बनेगा। नागरिकों को आधुनिक यातायात व्यवस्था का लाभ मिलेगा और जबलपुर एक नए आदर्श शहर के रूप में सामने आएगा।







